आसमान में होंगे दो चाँद / पृथ्वी को मिलेगा नया उपग्रह
पृथ्वी का आसमान, सूर्य और चंद्रमा हमेशा से कौतुहल का विषय रहा है। बच्चा जब जन्म के बाद अपनी आँखें खोलता है तो सबसे प्यारे पिंड चंद्रमा को मामा कहता है। क्या अब हो जायेंगे बच्चों के पास दो मामा | क्या पृथ्वी को मिलेगा दूसरा चाँद? क्या है यह अद्भुत खगोलीय घटना? विस्तार से समझते हैं।
सूर्य अपनी जगह पर है और पृथ्वी उसका चक्कर लगा रही है। वहीं, पृथ्वी का चक्कर चंद्रमा लगा रहा है जो पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है। किसी ग्रह
की कोई वस्तु चक्कर लगायें, वह उस ग्रह का उपग्रह कहलाता है। जल्द ही पृथ्वी का दो चंद्रमा होगा। सौर मंडल में कई ग्रह हैं, जिनके एक से ज्यादा चंद्रमा हैं। शनि के तो 146 चंद्रमा हैं।
जी हाँ, पृथ्वी के चंद्रमा को जल्द ही एक नया साथी मिलने वाला है। यह मिनी मून लगभग 2 महीने तक पृथ्वी के चक्कर लगाएगा। यह अद्भुत खगोलीय घटना तब घटित हो रही है जब एक छोटा ऐस्टेरॉइड, यानी क्षुद्रग्रह धरती के गुरुत्वाकर्षण में फंसकर 29 सितम्बर से 25 नवंबर तक हमारी पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। 25 नवंबर 2024 के बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जायेगा और पून: सूर्य की परिक्रमा करने लगेगा। इस ऐस्टेरॉइड का नाम 2024 PTS है, और इसे नासा के ऐस्टेरॉइड टेरिस्ट्रियल इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम ने खोजा है।
2024 PT5 को 7 अगस्त को खोजा गया था। यह एक चाँद ऐस्टेरॉइड है जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण शक्ति को समझने में सहायता प्रदान करेगा। यह ऐस्टेरॉइड चाँद की तरह पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है, इसलिए इसे मिनी मून नाम दिया गया है। बेहद कम गति होने की वजह से अगले दो महीने यह ऐस्टेरॉइड पृथ्वी का एक चक्कर भी पूरा नहीं कर पाएगा।
पुनः लौट जायेगा सूर्य की कक्षा में
2024 PTS 25 नवंबर के बाद पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से आजाद होकर सूर्य के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में चला जाएगा और सूर्य के चारों तरफ पुनः घूमने लगेगा। सूर्य का चक्कर लगाते लगाते, यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में आकार खिचकर पृथ्वी के चक्कर लगाने लगेगा। इस ऐस्टेरॉइड को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता।
अन्तरिक्ष की जानकारी देने में सहायक –
हार्वर्ड विश्वविद्यालय का कहना है कि इस ऐस्टेरॉयड से आगे भविष्य में पृथ्वी से टकराने वाले ऐस्टेरॉयड को समझने में मदद मिलेगी और अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने में आसानी होगी।
उल्का पिंड या ऐस्टेरॉयड क्या है?
ऐस्टेरॉयड सौरमंडल के ऐसे चट्टानी टुकड़े हैं जिनकी गति, दिशा, और आकार निश्चित नहीं होता। ये भटकते हुए पिंड सूर्य की परिक्रमा करते हैं और कभी-कभी किसी भी ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं। इन्हें माइनर प्लेनेट्स (छोटे ग्रह) भी कहा जाता है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के अनुसार, ऐस्टेरॉयड हमारे सौरमंडल के बनने के बाद टूटे हुए अवशेषों से बने थे। इनका आकार अक्सर छोटा होता है और इनका गुरुत्वाकर्षण नगण्य होता है। गुरुत्वाकर्षण कम होने के कारण इनका आकार गोल नहीं होता।
क्षुद्रग्रह की खोजकर्ता
प्रथम खोजा जाने वाला क्षुद्रग्रह सेरेस (1801) है, जिसे ग्यूसेपे पियाज़ी ने खोजा था। इसे एक नए ग्रह की संज्ञा दी गई थी। केवल 4 वेस्टा क्षुद्रग्रह ऐसा है जिसे नग्न आँखों से देखा जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र ने 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस की घोषणा की, ताकि क्षुद्रग्रहों के बारे में जनता को
बताया जा सके। यह सर्वप्रथम 30 जून 1908 को साइबेरिया में मनाया गया था।